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सर्जना

- (खण्डकाव्य)

About सर्जना

कविता कवि के मन की उन्मुक्त उड़ान का दूसरा नाम है । हृदय में उद्भूत होने वाली सुकोमल भावनाएँ काव्य कला के वस्त्रों से सज्जित व अलंकृत होने के बाद जब वह पन्नों पर इठलाती, मचलती हैं तब सहृदय पाठक स्वयं उसे आत्मसात करने के लिये आतुर हो उठता है । ऐसी ही मधुर काव्य धारा है प्रस्तुत खण्डकाव्य जो जीवन के विभिन्न रूपों को कमनीय कलेवर पहना कर प्रस्तुत करता है । कभी यह मन को आह्लादित कर देती है तो कभी आँसुओं को आंखों में झिलमिलाने के लिये विवश कर देती है । संसार की विरूपताओं को भुला कर आइये हम इस काव्य - सरिता में डुबकी लगा कर पुनः नयी स्फूर्ति के साथ जीवन संघर्ष के लिये तैयार हो जाएं ।

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  • Language:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789354584039
  • Binding:
  • Paperback
  • Published:
  • September 2, 2021
  • Dimensions:
  • 127x203x9 mm.
  • Weight:
  • 168 g.
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Description of सर्जना

कविता कवि के मन की उन्मुक्त उड़ान का दूसरा नाम है । हृदय में उद्भूत होने वाली सुकोमल भावनाएँ काव्य कला के वस्त्रों से सज्जित व अलंकृत होने के बाद जब वह पन्नों पर इठलाती, मचलती हैं तब सहृदय पाठक स्वयं उसे आत्मसात करने के लिये आतुर हो उठता है । ऐसी ही मधुर काव्य धारा है प्रस्तुत खण्डकाव्य जो जीवन के विभिन्न रूपों को कमनीय कलेवर पहना कर प्रस्तुत करता है । कभी यह मन को आह्लादित कर देती है तो कभी आँसुओं को आंखों में झिलमिलाने के लिये विवश कर देती है । संसार की विरूपताओं को भुला कर आइये हम इस काव्य - सरिता में डुबकी लगा कर पुनः नयी स्फूर्ति के साथ जीवन संघर्ष के लिये तैयार हो जाएं ।

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