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Subhadra Kumari Chauhan Ki Sampoorna Kavitayen

About Subhadra Kumari Chauhan Ki Sampoorna Kavitayen

''मैंने हँसना सीखा है, मैं रोना नहीं जानती''-सुभद्रा कुमारी चौहान ने ऐसा लिखा था, और यही भावना उनकी कविताओं में भी झलकती है। सुभद्रा कुमारी चौहान ने 88 कविताएँ लिखी हैं लेकिन उनकी दो कविताएँ 'झाँसी की रानी' और 'वीरों का कैसा हो वसंत' इतनी लोकप्रिय हुईं कि जनसाधारण की ज़बान पर चढ़ गयीं और उनकी स्मृति में घर कर गयीं। देशभक्ति और राष्ट्रीय जागरण उनकी कविताओं का केन्द्रीय स्वर है लेकिन वे जीवन की कवयित्री हैं। उनकी कविताओं में जीवन की उठा-पटक, हँसना-रोना, मान-मनौव्वल, शिकायत-उपालंभ वाला स्त्री का प्रेम भी है। उनकी कविताएँ बहुत सहज और सरल हैं जो सीधे मन को छूती हैं। यही साधारणता उनकी सबसे बड़ी विशेषता है। कविताओं के अलावा सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपने 44 साल के छोटे-से जीवन काल में 46 कहानियों की भी रचना की, जिनका संग्रह सुभद्रा कुमारी चौहान की सम्पूर्ण कहानियाँ है। साहित्य में अपने अप्रतिम योगदान के लिए वे पीढ़ियों तक स्मरण की जाती रहेंगी।

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  • Language:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789393267344
  • Binding:
  • Paperback
  • Pages:
  • 192
  • Published:
  • June 29, 2023
  • Dimensions:
  • 140x11x216 mm.
  • Weight:
  • 249 g.
Delivery: 1-2 weeks
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Description of Subhadra Kumari Chauhan Ki Sampoorna Kavitayen

''मैंने हँसना सीखा है, मैं रोना नहीं जानती''-सुभद्रा कुमारी चौहान ने ऐसा लिखा था, और यही भावना उनकी कविताओं में भी झलकती है। सुभद्रा कुमारी चौहान ने 88 कविताएँ लिखी हैं लेकिन उनकी दो कविताएँ 'झाँसी की रानी' और 'वीरों का कैसा हो वसंत' इतनी लोकप्रिय हुईं कि जनसाधारण की ज़बान पर चढ़ गयीं और उनकी स्मृति में घर कर गयीं। देशभक्ति और राष्ट्रीय जागरण उनकी कविताओं का केन्द्रीय स्वर है लेकिन वे जीवन की कवयित्री हैं। उनकी कविताओं में जीवन की उठा-पटक, हँसना-रोना, मान-मनौव्वल, शिकायत-उपालंभ वाला स्त्री का प्रेम भी है। उनकी कविताएँ बहुत सहज और सरल हैं जो सीधे मन को छूती हैं। यही साधारणता उनकी सबसे बड़ी विशेषता है। कविताओं के अलावा सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपने 44 साल के छोटे-से जीवन काल में 46 कहानियों की भी रचना की, जिनका संग्रह सुभद्रा कुमारी चौहान की सम्पूर्ण कहानियाँ है। साहित्य में अपने अप्रतिम योगदान के लिए वे पीढ़ियों तक स्मरण की जाती रहेंगी।

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