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Subhah Chandra Bose aur Azad Hind Fauz

About Subhah Chandra Bose aur Azad Hind Fauz

"आज सुभाष बाबू का जन्मदिन है... सुभाष बोस हिंसा के समर्थक थे जबकि मैं अहिंसा का पुजारी। लेकिन इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है। सबसे ज़रूरी चीज़ यह है कि हमें दूसरों के गुणों से सीखना चाहिए...। सुभाष एक महान देशभक्त थे। उन्होंने अपना जीवन देश के लिए न्यौछावर कर दिया। उन्होंने अपने आपको कभी सिर्फ़ बंगाली नहीं समझा। उनके लिए संकीर्णता एवं जातिविभेद का कोई अर्थ न था। उनके लिए सभी बराबर थे। उनके अंदर यह भावना कभी नहीं रही कि वे कमांडर हैं तो वे अधिक श्रेय पाने के अधिकारी हैं।" (नेताजी की 52 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर 23 जनवरी, 1948 को गांधीजी का प्रार्थना सभा में संबोधन)"

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  • Language:
  • Hindi
  • ISBN:
  • 9789393193506
  • Binding:
  • Hardback
  • Pages:
  • 352
  • Published:
  • May 5, 2022
  • Dimensions:
  • 140x21x216 mm.
  • Weight:
  • 553 g.
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Description of Subhah Chandra Bose aur Azad Hind Fauz

"आज सुभाष बाबू का जन्मदिन है... सुभाष बोस हिंसा के समर्थक थे जबकि मैं अहिंसा का पुजारी। लेकिन इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है। सबसे ज़रूरी चीज़ यह है कि हमें दूसरों के गुणों से सीखना चाहिए...। सुभाष एक महान देशभक्त थे। उन्होंने अपना जीवन देश के लिए न्यौछावर कर दिया। उन्होंने अपने आपको कभी सिर्फ़ बंगाली नहीं समझा। उनके लिए संकीर्णता एवं जातिविभेद का कोई अर्थ न था। उनके लिए सभी बराबर थे। उनके अंदर यह भावना कभी नहीं रही कि वे कमांडर हैं तो वे अधिक श्रेय पाने के अधिकारी हैं।" (नेताजी की 52 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर 23 जनवरी, 1948 को गांधीजी का प्रार्थना सभा में संबोधन)"

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